नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
कोरोना वायरस महामारी पर मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक के दूसरे दिन अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाए जाने पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा कोशिश की है कि मतभेद विवाद न बनें। इसके बाद प्रधानमंत्री और बैठक में शामिल लोगों ने शहीद सैन्यकर्मियों के सम्मान में कुछ मिनट का मौन रखा। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ सोमवार की शाम हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
सर्वदलीय बैठक : प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि भारत एवं चीन के सीमा क्षेत्रों में हालात को लेकर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जो 19 जून को अपराह्न पांच बजे होगी। इस डिजिटल बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री से कहा कि वह इस झड़प के बारे में सच्चाई बताएं। गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि दो दिन पहले हिंदुस्तान के 20 सैनिक शहीद हुए। उन्हें उनके परिवारों से छीना गया है। चीन ने हमारी जमीन हड़पी है। प्रधानमंत्री जी, आप चुप क्यों हैं? आप कहां छिप गए हैं?