नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आज़ादी की लड़ाई में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के योगदान का स्मरण करते हुए कहा है कि नेताजी ने बांटो और राज करो की अंग्रेजों की नीति का विरोध किया था लेकिन उनका सपना आज तक पूरा नहीं हुआ।
मोदी ने आज़ाद हिंद फौज की स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित हुए कहा कि नेताजी को प्रेरणा स्वामी विवेकानंद से मिली थी और 15-16 वर्ष की उम्र में ही उनमें देशप्रेम की भावना जग गई थी और मां भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए बेचैन हो गए थे। शुरू में वे गांधी जी के साथ थे पर बाद उन्होंने सशत्र क्रांति का रास्ता अपनाया और आज़ाद हिंद फौज की स्थापना की जिसका अपना बैंक, मुद्रा और डाकटिकट भी था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी अंग्रेजों की बांटों और राज करो नीति के विरोधी थे लेकिन उनका यह सपना पूरा नही हुआ। आज भी देश की एकता और संविधान पर हमले हो रहे है ऐसे में प्रत्येक नागरिक नेता जी से प्रेरणा लेकर ऐसी ताकतों के खिलाफ लड़ने का संकल्प लें।