विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचने पर पुतिन की अगुवानी की। उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए, जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की। बाद में प्रधानमंत्री ने उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया।
रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं।
भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए। रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है।