अधिकारी ने कहा कि हर किसी को यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्र में शांति चाहते हैं लेकिन वह शांति कायम करने के लिए ऐसे कोई कदम नहीं उठा सकते जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ती हो। इसलिए पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता शुरू करना उनके फैसले पर निर्भर करता है।