PMML के सदस्य रिज़वान क़ादरी ने 10 दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे ये खत वापस मांगे हैं। प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है और उनसे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खत वापस करने को कहा है। पीएमएमएल का मानना है कि ये ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं और इन तक पहुंच आवश्यक है। बता दें कि इससे पहले सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फ़ोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए।
क्या है इन पत्रों का महत्व : ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल ने 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (अब पीएमएमएल) को दिए थे। दरअसल यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अलबर्ट आइंस्टाइन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ़ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे।
सोनिया को भी लिखा था पत्र : बता दें कि पीएमएमएल के सदस्य रिज़वान क़ादरी ने 10 दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे ये पत्र वापस मांगे हैं। इससे पहले सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फ़ोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए।
क्या कहा बीजेपी ने : इस मामले पर अब बीजेपी की भी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि यह दिलचस्प है! अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पूर्व में नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय) से यह बताया गया है कि तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कथित तौर पर जवाहरलाल नेहरू द्वारा एडविना माउंटबेटन सहित विभिन्न हस्तियों को लिखे गए 51 पत्रों के डिब्बे अपने साथ ले गईं थी. अब इन पत्रों को वापस मांगा गया है। 'मुझे जो बात विशेष रूप से दिलचस्प लगी वह यह है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को ऐसा क्या लिखा होगा जिसके लिए ऐसी सेंसरशिप की आवश्यकता थी? और क्या राहुल गांधी इन पत्रों को वापस पाने के लिए कोई कदम उठाएंगे?" अब मामला सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है। बता दें कि इसे लेकर विवाद गहरा सकता है।