प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में कभी भी आप से दूर नहीं होने दिया। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 2014 में विजयादशमी कार्यक्रम में मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत करने के पलों को याद करते हुए कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने उन्होंने देश की जनता से जुड़ने का एक मंच दिया। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने उन्हें देश के सामान्य जनमानस से जुड़ने का एक माध्यम बना। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम एक कार्यक्रम नहीं एक आस्था और पूजा है और मन की बात ईश्वर रूपी जनता के लिए एक पूजा के सामान है।
मन की बात के 100वें ऐपिसोड को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजयादशमी के दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी। विजयादशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, मन की बात भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। मेरे लिए 'मन की बात' ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। 'मन की बात' मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। 'मन की बात' स्व से समिष्टि की यात्रा है। 'मन की बात' अहम् से वयम् की यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के पिछले एपिसोड में जिन लोगों से बात की उनसे आज एक बार फिर बात की। इसमें हरियाणा की बेटी बचाओ अभियान से बंगलुरु और मणिपुर के लोगों से एक बार फिर बात करके उनसे बात की। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात ने देश में कई जनआंदोलन ने जन्म लिया है। जिसे लोकल से वोकल से लेकर हर घर तिरंगा मुहिम और छोटे दुकानदारों से मोल भाव नहीं करने की मुहिम का जिक्र करते हुए कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने लोगों को एक प्रेरणा दी।