सरकारी आदेश के अनुसार, निलंबित अधिकारी का कदम विश्वासघात के बराबर है और उससे बल की छवि खराब हुई है। आदेश के अनुसार, सिंह को 2018 में पुलिस पदक दिया गया था।
सरकारी आदेश में कहा गया कि दो आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलने में मदद करने की कोशिश और हथियारों एवं गोला-बारूद की बरामदगी विश्वासघात के बराबर है और इससे बल की छवि खराब हुई है। इसी के चलते 11 जनवरी को देविन्दर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक वापस लिया जाता है। प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।