दिल्ली में स्कूल कर्मचारियों का होगा पुलिस सत्यापन
मंगलवार, 12 सितम्बर 2017 (00:00 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रत्येक स्कूल को सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने का आदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि गुरुग्राम स्थित रेयान स्कूल में एक बच्चे की मौत की घटना के बाद दिल्ली के स्कूलों में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के लिए आज आहूत बैठक में यह फैसला किया गया।
सिसोदिया ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, स्कूल प्रबंधकों और पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दिल्ली के सरकारी और गैर सरकारी, प्रत्येक स्कूल में तैनात हर एक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन कराने सहित अन्य अहम फैसले किए गए।
उन्होंने बताया कि शिक्षक वर्ग से इतर सफाई और सुरक्षा गार्ड सहित दूसरे अन्य विभागों के कर्मचारियों का नियमित तौर पर पुलिस सत्यापन कराया जाएगा। यह काम तीन सप्ताह के अंदर पूरा किया जाएगा। इसके लिए जारी आदेश में प्रत्येक स्कूल को एक सप्ताह के भीतर अपने प्रत्येक कर्मचारी से जुड़ी जानकारी का ब्यौरा स्थानीय पुलिस थाने को देना होगा।
सिसोदिया ने कहा कि बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्कूलों द्वारा दिए गए ब्योरे का 15 दिन के भीतर सत्यापन करने का भरोसा दिलाया है। इस प्रकार यह कवायद तीन सप्ताह में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्यापन का ब्योरा शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसे हर महीने अपडेट भी किया जाएगा ताकि स्कूल प्रबंधन द्वारा नए कर्मचारी नियुक्त करने पर इसकी जानकारी शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपडेट हो सके।
इसके अलावा सरकार ने सभी स्कूलों के प्रबंधन से कहा है कि कर्मचारी नियुक्त करते समय बाल अपराधों में लिप्त अपराधियों की दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद सूची से जांच लें जिससे किसी संदिग्ध की स्कूलों में पहुंच को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को नियुक्त करने से पहले स्कूल प्रबंधन को पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
सिसोदिया ने कहा कि दूसरा अहम फैसला सभी स्कूलों की प्रत्येक कक्षा, खेल के मैदान और कॉरिडोर सहित सभी अहम जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनिवार्यता को लागू करने से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन को स्कूल परिसर में लगे कैमरे काम कर रहे हैं, इसकी नियमित रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग को देनी होगी।
सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की है। यह समिति स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों पर तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित कर सुझाए गए अन्य उपायों को भी जल्द लागू किया जाएगा।
सिसोदिया ने रेयान स्कूल में हुई वारदात का हवाला देते हुए इस समस्या के लिए निजी स्कूल को मिले राजनीतिक संरक्षण को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब तक निजी स्कूल राजनीतक संरक्षण से मुक्त नहीं होंगे तब तक हालत में सुधार नहीं हो सकता। पिछले साल भी रेयान स्कूल में हुई घटना की हमने सीबीआई जांच की मांग की थी। अगर तब यह मांग मान ली गई होती तो अब तक इस तरह की घटनाओं को रोकने की दिशा में कुछ स्पष्ट संदेश स्कूलों को दिया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सिसोदिया ने कहा कि जांच में स्कूल का सीसीटीवी कैमरा खराब होने की भी बात सामने आई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि रेयान स्कूल के पास भाजपा का सदस्यता अभियान के लिए संसाधन हैं लेकिन स्कूल के खराब पड़े सीसीटीवी कैमरे को ठीक कराने के लिए पैसे नहीं हैं। इससे साफ है कि बड़े निजी स्कूल राजनीतिक संरक्षण के कारण आश्वस्त हो गए हैं कि ये बच्चों की सुरक्षा के साथ कैसे भी खिलवाड़ करते रहें लेकिन इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। (भाषा)