एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक भिखारी वर्ग में ज्यादातर लोग समाज के उन विशेष हिस्सों से आते हैं, जिन्हें सामान्य रूप से प्रतिनिधित्व नहीं मिला है या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 72.89 करोड़ नॉन वर्कर कैटेगरी के लोग हैं जिनमें से 3.7 लाख लोगों को भिखारी वर्ग में रखा गया है। इनमें से कुल 92,760 लोग मुसलमान हैं। जनगणना 2001 के मुकाबले देश में भिखारियों की संख्या 41 प्रतिशत तक घटी है। जनगणना 2001 के मुताबिक उस वक़्त देश में भिखारियों की संख्या 6.3 लाख थी।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में 79.8 प्रतिशत हिन्दू मौजूद हैं जबकि इसके मुकाबले में सिर्फ 2.68 लाख लोग ही भिखारी वर्ग में आते हैं। देश में ईसाई 2.3 प्रतिशत हैं जबकि भिखारियों में इनकी हिस्सेदारी 0.88 प्रतिशत है। बौद्ध-0.52 प्रतिशत, सिख-0.45 प्रतिशत, जैन-0.06 प्रतिशत और बाकी की हिस्सेदारी 0.30 प्रतिशत है। कुल भिखारियों में 53.13 प्रतिशत पुरुष जबकि 46.87 प्रतिशत महिला भिखारी शामिल हैं। (एजेंसियां)