सरकार स्थापित करेगी सेंटर फॉर जू साइंसेज

सोमवार, 3 नवंबर 2014 (15:24 IST)
नई दिल्ली। भारत और दक्षिण एशिया के मान्यताप्राप्त चिड़ियाघरों को वैज्ञानिक आधार पर विकास एवं प्रबंधन करने में सहयोग देने के लिए सरकार ने सोमवार को ‘सेंटर फॉर जू साइंसेज’ (चिड़ियाघर विज्ञान केंद्र) बनाने की घोषणा की है।

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारे पास चिड़ियाघर विज्ञान केंद्र होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यहां विश्वविद्यालयों की तरह शिक्षण, शोध, प्रयोगों और विचारों के आदान-प्रदान की सुविधाएं होंगी।

उन्होंने कहा कि चिड़ियाघरों के संचालन के कायापलट के लिए मौजूदा व्यवस्था में वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्कृति लाने के लिए और चिड़ियाघरों को यहां के आगंतुकों के अनुरूप बनाने के लिए हम नई दिल्ली में एक चिड़ियाघर विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार कर रहे हैं।

मंत्री ‘वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जूज एंड एक्वेरियम्स’ (वैश्विक चिड़ियाघर एवं जलजीवशाला संघ) के 69वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। विश्वभर के चिड़ियाघरों के नेतृत्वकर्ता 6 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र हुए हैं।

बातचीत करते हुए पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह प्रस्तावित केंद्र केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के तकनीकी सलाहकार के रूप में काम करेगा। इसके साथ ही यह संकटग्रस्त प्रजातियों के प्राकृतिक आवास से दूर उनके संरक्षणात्मक प्रजनन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विशेषज्ञों की मदद उपलब्ध करवाएगा।

उन्होंने कहा कि ऐसी परिकल्पना है कि यह वन्य जंतुओं के आवास, चिड़ियाघर के डिजाइन, मास्टर प्लानिंग, रोग पहचान, आगंतुकों को सुविधाओं, प्रचार और देश के सभी चिड़ियाघरों और दक्षिणी एशिया के चिड़ियाघरों के संबद्ध मुद्दों के लिए एक प्रमुख केंद्र (रेफरल सेंटर) के रूप में काम करेगा।

भारत के चिड़ियाघरों में काम करने वाले कर्मचारियों और साझीदारों के साथ-साथ दक्षिणी एशियाई देशों के चिड़ियाघर के कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी केंद्र पर करवाया जाएगा।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने 347 चिड़ियाघरों का आकलन किया है जिनमें से 164 को मान्यता दी गई है और 183 को मान्यता देने से इंकार कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जिन 183 चिड़ियाघरों को मान्यता से इंकार किया गया, उनमें से 92 बंद हो चुके हैं और वहां के पशुओं को दूसरी जगह भेजा जा चुका है। शेष 91 गैर मान्यताप्राप्त चिड़ियाघरों की समीक्षा अभी जारी है। (भाषा)

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