Prashant Kishor On Jan Suraaj Party President: पीके के नाम से जाने जाने वाले प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को अपनी राजनीतिक पार्टी जनसुराज को लॉन्च करेंगे। उन्होंने हाल ही में इसका ऐलान किया है। उनकी पार्टी के अध्यक्ष का कार्यकाल 1 साल होगा। ऐसे में 5 साल में अलग अलग वर्गों से 5 अध्यक्ष चुने जाएंगे। पार्टी का पहला अध्यक्ष दलित समाज से होगा। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन होगा उनकी पार्टी का पहला अध्यक्ष।
खुद रहेंगे बाहर : प्रशांत किशोर ने चौंकाने वाला फैसला किया है। उन्होंने खुद को पार्टी नेतृत्व की दौड़ से बाहर कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने ऐलान किया है कि उनके संगठन का नेतृत्व एक दलित करेगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किशोर ने यह ऐलान बिहार में अपने संगठन के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद किया। पीके ने पार्टी लॉन्च से पहले आठ बैठकों की तैयारी के लिए पटना में इन नेताओं से मुलाकात की। प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर 2022 से पूरे बिहार में पदयात्रा निकाल रहे हैं। वे लगातार पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ साथ स्थानीय मुद्दे उठा रहे हैं।
कौन होगा पहला अध्यक्ष : पार्टी नेतृत्व की दौड़ से खुद को बाहर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ऐसे आवेदक जो पार्टी में 5000 लोगों को लाने में सक्षम हैं, वे पार्टी अध्यक्ष पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। जन सुराज की सात सदस्यों वाली अधिकार प्राप्त समिति इस पर अंतिम फैसला लेगी। इस कमेटी को शुक्रवार को ही चुना गया है।
हर साल नया पार्टी अध्यक्ष : पीके ने कहा, समाज में 5 समूह सामान्य, ओबीसी, ईबीसी, एससी, एसटी और मुस्लिम हैं। दलित सबसे अधिक वंचित हैं, इसलिए उनकी पार्टी का पहला अध्यक्ष इसी वर्ग से आएगा। हमने रोटेशनल नेतृत्व देने का भी फैसला किया है। यानी अध्यक्ष का कार्यकाल एक साल के लिए होगा। या तो ईबीसी या मुस्लिम हमारा दूसरा अध्यक्ष होगा, उसके बाद ओबीसी और सामान्य वर्ग से कोई उम्मीदवार होगा। विचार यह है कि पांच साल के चुनावी कार्यकाल में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए। अधिकार प्राप्त समिति में समस्तीपुर के भूपेंद्र यादव, बेगुसराय के आरएन सिंह, पूर्व आईएएस अफसर सुरेश शर्मा, वकील गणेश राम, चंपारण से मंजर नसीन, भोजपुर से पूर्व आईएएस अरविंद सिंह, मुजफ्फरपुर से स्वर्णलता सहनी!
अध्यक्ष के लिए क्या योग्यता : प्रशांत किशोर ने बताया कि अभी अध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 और 12 के बीच तय नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, "लालू और नीतीश कुमार ने राज्य को अनपढ़ों से भर दिया है और इसलिए हम अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम योग्यता 'स्नातक' नहीं रख सकते।