प्रशासन द्वारा उनके अनशन को अवैध बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने शुक्रवार को कहा कि किस कानून के तहत हम यहां नहीं बैठ सकते? यह सार्वजनिक स्थल है और यहां बागवानी मेला सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग हर रोज टहलने आते हैं। हम किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। हमारे अनशन से जनता को किसी तरह की कोई परेशानी ने हो नहीं रही है।