नई दिल्ली। राज्यसभा के मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह किए जाने संबंधी विधेयक को पारित किए जाने के 1 दिन बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के मेल इनबॉक्स में उन लोगों के 200 से अधिक सवालों की बाढ़ आ गई, जो आने वाले दिनों में माता-पिता बनने जा रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं, भावी पिता और गोद लेने वाली महिलाओं ने मंत्री से यह जानना चाहा कि क्या पिछले सप्ताह ऊपरी सदन में पारित विधेयक से उनको कोई फायदा होगा? मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक-2016 को मानसून सत्र के आखिरी दिन पारित किया गया। वैसे उस दिन लोकसभा की कार्यवाही सूची में यह विधेयक शामिल नहीं था।
एक गर्भवती महिला ने मेनका गांधी को लिखा कि मैं 8 महीने की गर्भवती हूं और मुझे 5 सितंबर 2016 से मातृत्व अवकाश की जरूरत है। जब मैंने अपनी कंपनी से मातृत्व अवकाश के लाभ के लिए कहा तो कंपनी के प्रबंधन ने जवाब दिया कि यह विधेयक पारित नहीं हुआ है। मुझे यह भी बताया गया कि पारित होने के बाद यह मार्च 2017 से अमल में आएगा।