प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अगर राजनीतिक दल संविधान में संशोधन काने के लिए सहमति बनाते हैं और अगर पहल चुनाव आयोग की ओर से किया जाता है, क्योंकि आयोग ने निष्पक्ष व्यवहार की छवि हासिल की है। मैं समझता हूं कि अगर राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की मदद से गंभीरतापूर्वक सहमत होते हैं, तब ऐसा संभव है।
प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर संबोधित कर रहे थे, जो 1950 में आयोग के गठन के अवसर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि एकसाथ चुनाव कराने से खर्च और प्रबंधन के संदर्भ में कई असुविधाओं को दूर किया जा सकता है। (भाषा)