सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दलों की बुधवार को हुई अलग-अलग बैठकों में राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति पर विचार किया गया लेकिन अभी तक उम्मीदवार के रूप में कोई नाम सामने नहीं आया है। बुधवार को अधिसूचना जारी करने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 जून है तथा चुनाव 17 जुलाई को होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर गत 26 मई को 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद यह कहा गया था कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सर्वसम्मति बनाने के वास्ते सरकार को पहल करनी चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सामूहिक रणनीति बनाने के लिए नौ विपक्षी दलों के नेताओं की उप समिति बनाई गई थी जिसकी बुधवार को पहली बैठक हुई। इसमें चुनावी रणनीति और विपक्षी दलों की एकजुटता को मजबूत करने पर विचार हुआ लेकिन उम्मीदवार के नाम पर चर्चा नहीं हुई।
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विभिन्न दलों से विचार-विमर्श के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है जिसमें एम वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह और अरुण जेटली शामिल हैं। इस समिति ने विपक्षी दलों से संपर्क साधना शुरू कर दिया और अब तक बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से फोन पर बात की है। समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस सिलसिले में मुलाकात करेगी। उसके बाद वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से बातचीत करेगी।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कोर ग्रुप की बुधवार को हुइ बैठक में राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति तथा विपक्षी दलों से होने वाली बातचीत पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर रवाना होना है। पार्टी उससे पहले ही अपने उम्मीदवार का नामांकन दाखिल करना चाहेगी।
विपक्षी दलों की संसद भवन में हुई बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने आज कहा, बैठक में किसी नाम पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संबंध में जल्द ही एक और बैठक होगी जिसमें नाम पर विचार किया जा सकता है। (वार्ता)