ये संपत्ति कार्ड 10 राज्यों- छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को वितरित किए जा रहे हैं।
पिछली सरकारों ने संबंध में कुछ खास नहीं किया : प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा था कि गांवों में संपत्ति एक मृत पूंजी है, क्योंकि लोग इसके साथ कुछ नहीं कर सकते और यह उनकी आय बढ़ाने में भी मदद नहीं कर सकती। भारत में भी इस चुनौती का असर देखने को मिला। गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों की संपत्ति होती है, लेकिन उनके पास उसके कागजात नहीं होते। झगड़े होते थे, संपत्ति हड़प ली जाती थी और बैंक भी उस पर लोन नहीं देते थे। पिछली सरकारों को इस संबंध में कुछ कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन कुछ खास नहीं किया गया।
कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यमंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से भाग लिया : इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह 'ललन', केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भी उपस्थित थे। इसमें कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से भाग लिया।