2020 की पहली 'मन की बात' में बोले PM मोदी, हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं
रविवार, 26 जनवरी 2020 (18:44 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2020 की पहली ‘मन की बात’ का प्रसारण गणतंत्र दिवस पर शाम को हुआ। अभी तक यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे प्रसारित होता था। सुबह के समय गणतंत्र दिवस समारोह और प्रधानमंत्री की अन्य व्यस्तताओं के चलते कार्यक्रम का समय बदला गया। 'मन की बात' में मोदी ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। देश के किसी भी कोने में हिंसा से समाधान खोज रहे लोगों से अपील है कि वे वापस लौट आएं। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। 'मन की बात' में देशवासियों से पीएम मोदी ने कहा कि
1. देश के किसी भी कोने में हिंसा से समाधान खोज रहे लोगों से अपील है कि वे वापस लौट आएं।
2. आज पद्म पुरस्कारों की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है जो प्रक्रिया पहले कुछ लोगों के बीच होती थी, आज उसमें पूरा देश भागीदार बनता है।
3. आइए नए संकल्पों के साथ नए दशक की शुरुआत करें और मां भारती के लिए जुट जाएं।
4. असम में 8 मिलिटेंट ग्रुप्स ने सरेंडर किया और वह हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में वापस लौट आए हैं। यह समझौता मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों की जनता और सरकारों के प्रयासों से ही संभव हो सका है।
5. 22 फरवरी से कटक में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम होंगे जिसमें 3000 से ज्यादा खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं।
6. मैं सभी खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं और उनके माता-पिता का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने बच्चों की रुचि में गरीबी को आड़े नहीं आने दिया।
7. साल दर साल खेलो इंडिया में खिलाड़ियों की प्रतिभागिता बढ़ रही है, 2018 में 3500 बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया था अब इसमें करीब दोगुने बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। आज मन की बात के माध्यम से मैं असम की सरकार और युवाओं को खेलो इंडिया की सफल मेजबानी के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
8. पिछले मानसून में शुरू किया गया जलशक्ति अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसमें हर वर्ग के लोग भाग ले रहे हैं।
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के एक युवक का मन की बात चार्टर पढ़ा और उस पर हस्ताक्षर कर वापस भेजने का वादा किया।
10. हर महीने हजारों लोग अपने सुझाव साझा करते हैं और लोगों के असाधारण अनुभवों को जानने का अवसर मिलता है। दिन, महीने, साल, दशक बदल जाते हैं लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं होता। यह इस साल और इस दशक की पहली मन की बात है।