उन्होंने कहा कि पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के परिजनों की पीड़ा उनकी अकेले की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की पीड़ा है। इस देश की खूबी है कि कोई आपदा आने पर पूरा देश एकसमान सोचने लगता है जैसा कोविड महामारी के दौरान हुआ था।
झा ने कहा कि सरकार राष्ट्र का पर्याय नहीं हो सकती। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए वक्तव्य का हवाला दिया कि वह देश का पक्ष रखने आए हैं। संसद में पक्ष और विपक्ष दोनों के मत में देश का मत है, किंतु प्रधानमंत्री को तो सरकार का पक्ष रखने के लिए बोलना था।