Modi's statement on Global South Summit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' (Voice of Global South) सम्मेलन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच बन गया है। उन्होंने नई दिल्ली की मेजबानी में डिजिटल रूप से आयोजित ग्लोबल साउथ सम्मेलन में कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों, आकांक्षाओं को आवाज देते हैं जिन्हें अभी तक अनसुना किया गया है।
'ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया और इस समूह के हमारे नेतृत्व में हमने 'ग्लोबल साउथ' की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं व प्राथमिकताओं के आधार पर एजेंडा बनाया।
अनिश्चितताओं का माहौल है : मोदी ने 'ग्लोबल साउथ' के सामने आ रहीं चुनौतियों पर कहा कि अनिश्चितताओं का माहौल है, हम भोजन, स्वास्थ्य, ऊर्जा सुरक्षा की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद व अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर शासन संबंधी विषयों से निपटने के लिए पिछली शताब्दी में स्थापित संस्थाएं वर्तमान शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया कि 'ग्लोबल साउथ' के देशों को एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए और साझा लक्ष्य हासिल करने के लिए एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत, एकता में है और इसी एकता के बल पर हम नई दिशा की ओर बढ़ेंगे।(भाषा)