रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी-अमदावाद) का इंजन शुक्रवार देर रात दो बजकर 35 मिनट पर कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी वस्तु से टकराकर पटरी से उतर गया। तेजी से टकराने के निशान देखे गए हैं। साक्ष्य सुरक्षित हैं। आईबी और उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस पर काम कर रहे हैं। यात्रियों या कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई है। यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है।
ट्रेन के ड्राइवर ने बताया कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर टकराया, जिससे इसके अगले हिस्से में जानवरों से बचाव के लिए लगा 'कैटल गार्ड' बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर मुड़ गया। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और उत्तर प्रदेश पुलिस घटना में शरारती या असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की जांच कर रही हैं, क्योंकि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इंजन पटरी पर रखी किसी वस्तु से टकरा गया।
टक्कर की तेज आवाज के बाद जब ट्रेन रुकी, तब उसमें सवार ज्यादातर यात्री सो रहे थे। जिस ट्रैक पर दुर्घटना हुई, उसी पर पटना-इंदौर एक्सप्रेस शुक्रवार देर रात एक बजकर 20 मिनट पर बिना किसी व्यवधान के गुजरी। हादसे की वजह से सात ट्रेन रद्द कर दी गई हैं, जबकि तीन के मार्ग में बदलाव किया गया है।
एक रेलवे अधिकारी ने भी कहा कि ट्रेन के 16वें डिब्बे के पास हमें एक संदिग्ध वस्तु मिली है। इंजन के कैटल गार्ड को पहुंचे नुकसान को देखकर ऐसा लगता है कि इंजन इसी संदिग्ध वस्तु से टकराया और पटरी से उतर गया। आईबी और उत्तर प्रदेश पुलिस दोनों इस पर काम कर रही हैं। हादसे के बाद रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।