उन्होंने कहा कि शिक्षित हो या अशिक्षित, गरीब हो या अमीर, शहरी हो या ग्रामीण, हिन्दू हो या मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध हो या किसी भी संप्रदाय के क्यों ना हो, किसी भी भूमि के क्यों ना हों, किसी भी सामाजिक पृष्ठभूमि के क्यों ना हो लेकिन बेटियां समान होनी चाहिए। महिलाओं के अधिकार समान होने चाहिए। महिलाओं को 21वीं सदी में न्याय मिलना चाहिए। महिलाओं का गौरव करना होगा और बेटियों को बचाना होगा। उनका गौरव करना होगा।