Supreme Court News: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए व्यवस्था दी कि इस तरह के विशेष कानूनों के तहत अपराधों में भी जमानत नियम है, जेल अपवाद है का सिद्धांत लागू होता है। उल्लेखनीय है कि इसी सिद्धांत को आधार बनाते हुए शीर्ष अदालत ने हाल ही में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी, जो कि 17 महीने बाद जेल से बाहर आए थे।
क्या कहा अदालत ने : न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अगर अदालतें उचित मामलों में जमानत से इंकार करना शुरू कर देंगी तो यह बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन होगा। पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के आरोप बहुत गंभीर हो सकते हैं, लेकिन कानून के अनुसार जमानत के मामले पर विचार करना अदालत का कर्तव्य है।