पत्रिका के जुलाई संस्करण में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि भारत की जेलों में प्रति 100,000 व्यक्तियों पर टीबी के 1,076 मामले थे। पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में देश में तपेदिक के मामले प्रति एक लाख की आबादी पर 210 थे।
अध्ययन की अगुवाई कर रहे अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय के लियोनार्डो मार्टिनेज ने एक बयान में कहा, तपेदिक और भीड़भाड़ के बीच यह संबंध बताता है कि हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को सीमित करने के प्रयास जेलों में टीबी महामारी से निपटने के लिए एक संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य औजार हो सकते हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)