एकल पीठ ने 12 सितंबर को चुनाव आयोग के आदेश और चव्हाण को जारी कारण बताओ नोटिस को यह कहकर रद्द कर दिया था कि चुनाव आयोग चुनाव संचालन संबंधी नियमों का पालन करने में विफल रहा, जिसके अनुसार नतीजे पर पहुंचने से पहले उम्मीदवार को 20 दिन के भीतर यह स्पष्ट करने का मौका दिया जाता है कि क्या उसके द्वारा बताया गया खर्च का ब्योरा सही है। (भाषा)