लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को मेरठ में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का लोगों को धमकीभरा वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा ने संस्थाओं में सांप्रदायिकता का जहर किस हद तक घोल दिया है कि अफसरों को संविधान की कसम की भी कद्र नहीं रह गई।
प्रियंका ने अपने ट्वीट में मेरठ का एक वीडियो टैग किया जिसमें मेरठ के पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश नारायण सिंह एक समुदाय विशेष के लोगों को पाकिस्तान चले जाने को कहते दिख रहे हैं, वहीं उनके साथ हेलमेट लगाए खड़ा एक व्यक्ति करियर खराब करने की धमकी देते हुए एक सेकंड में सब कुछ 'काला' कर देने की बात कह रहा है।
वीडियो में सिंह गली में खड़ी टोपी लगाए कुछ लोगों से कह रहे हैं 'यह जो काली पट्टी, पीली पट्टी बांधे हो, बता रहा हूं...उनको कह दो पाकिस्तान चले जाएं। इस देश में अगर नहीं रहने का मन है तो चले जाओ भैया। खाओगे यहां और गाओगे कहीं और का।'
इसी बीच, साथ में खड़ा व्यक्ति कह रहा है 'फ्यूचर काला होने में लगेगा सेकंड भर। एक सेकंड में सबकुछ काला हो जाएगा। पट्टी ही नहीं, जिंदगी भी काली।' वीडियो में सिंह कुछ लोगों की तस्वीर खींचने की बात कहते हुए धमकी भरे लहजे में अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही यह भी कह रहे हैं कि जब मुझे याद हो जाता है तो मैं नानी तक पहुंचता हूं...याद रखिएगा आप लोग।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता। जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अधिकारियों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।
वीडियो पर विवाद बढ़ने के बाद अखिलेश नारायण सिंह ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि जिस गली का वीडियो सामने आया है, उसमें कुछ अराजक तत्व 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे। इसीलिए उन्होंने पाकिस्तान चले जाने की बात कही थी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने मेरठ के पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश नारायण सिंह के इस वीडियो पर उनकी तारीफ करते हुए ट्वीट किया 'सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफसोस है कि भारत-मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यों कहा!!'
मालूम हो कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पिछली 20 दिसंबर को मेरठ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं और कई मंचों से इसकी न्यायिक जांच की मांग की जा चुकी है।