मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि नोटबंदी के बाद बैंक ब्याज दरों में गिरावट के मद्देनजर ईपीएफओ भी अपने निवेश पर बेहतर प्रतिफल की तलाश में है। दत्तात्रेय ने कहा कि बैंकों की ब्याज दर में कमी के बाद ईपीएफओ को भी अपने निवेश के तरीके की रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है, ताकि इस कोष के अंशधारकों को बेहतर ब्याज दिया जा सके।
दत्तात्रेय ने कहा, हम गंभीरता से इस पर विचार कर रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के कई उपक्रमों को निवेश की जरूरत है। हम उनमें अधिक निवेश कर सकते हैं। भविष्य में हम अपनी प्राथमिकता बदल सकते हैं। हम केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों पर अधिक ध्यान देंगे। (भाषा)