Pune Porsche car Accident: पुणे पोर्शे कार दुर्घटना केस अपराध शाखा को सौंपा, 2 पुलिस अधिकारी ‍निलंबित

शुक्रवार, 24 मई 2024 (21:40 IST)
Pune Porsche car Accident: पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को पोर्शे दुर्घटना मामले में 17 वर्षीय आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 6 लोगों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस बीच, यह मामला अपराध शाखा को हस्तांतरित कर दिया गया है। यह कहा जा रहा है कि कार ड्राइवर को लालच दिया गया था, इसके चलते उसने बयान दिया था कि दुर्घटना के वक्त कार वह चला रहा था। हालांकि सीसीटीवी फुटेज से हकीकत सामने आ गई।  ALSO READ: Porsche Car Accident के बाद एक्‍शन में पुणे प्रशासन, बुल्‍डोजर से ढहाए 50 से ज्यादा रेस्टोरेंट, पब और क्लब
 
पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के कथित तौर पर पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। ALSO READ: Porsche car accident Pune: सबूत छिपाने की कोशिश, आरोपी का पिता न्यायिक हिरासत में
 
अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। हालांकि, अदालत ने अग्रवाल और शराब परोसने वाले दो प्रतिष्ठानों के मालिक और कर्मचारियों समेत अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। किशोर ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर पेशेवरों को कुचलने से पहले इन जगहों पर कथित तौर पर शराब पी थी। ALSO READ: Pune Porsche Accident: दो इंजीनियरों को कुचलने वाले रईसजादे के दादा का क्‍या है छोटा राजन कनेक्‍शन?
 
2 पुलिस अधिकारी निलंबित : महाराष्ट्र के पुणे में 17 वर्षीय नाबालिग द्वारा चलाई जा रही पोर्शे कार से हुई दुर्घटना के मामले में येरवडा थाने के दो अधिकारियों को कथित तौर पर लापरवाही बरतने को लेकर निलंबित कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल ने बताया कि निरीक्षक राहुल जगदाले और सहायक पुलिस निरीक्षक विश्वनाथ टोडकरी को ‘सूचना देने में देरी’ और ‘कर्तव्य में लापरवाही’ के लिए निलंबित कर दिया गया है।
 
शहर के कल्याणी नगर इलाके में कार दुर्घटना के बाद येरवडा थाने में दुर्घटना का मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले दिन में पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा था कि आंतरिक जांच में पाया गया कि मामला दर्ज करते समय पुलिस अधिकारियों की ओर से चूक की गई। उन्होंने स्वीकार किया कि किशोर के रक्त के नमूने लेने में देरी हुई। किशोर ने इस दुर्घटना से पहले दो पबों में कथित तौर पर शराब पी थी।

क्या कहा पुलिस कमिश्नर ने : इससे पहले दिन में, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा था कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि 19 मई को दुर्घटना के समय नाबालिग कार नहीं चला रहा था और कोई वयस्क व्यक्ति कार चला रहा था। अग्रवाल और अन्य 5 आरोपियों को उनकी पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसपी पोंक्षे के समक्ष पेश किया गया।
 
ये हैं आरोपी : अन्य आरोपियों में कोसी रेस्तरां के मालिक नमन भुटाड़ा और इसके प्रबंधक सचिन काटकर तथा ब्लैक क्लब के प्रबंधक संदीप संगाले और इसके कर्मचारी जयेश गावकर और नीतेश शेवानी शामिल हैं। रियल एस्टेट डेवलपर अग्रवाल को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जबकि अन्य पर एक कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
 
नहीं था लाइसेंस : प्राथमिकी के मुताबिक, यह जानने के बावजूद कि उनके बेटे के पास वाहन चलाने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है, अग्रवाल (50) ने उसे कार दे दी और जब अग्रवाल को पता था कि वह शराब पीता है, तब भी बेटे को पार्टी करने की इजाजत दी। 
 
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि किशोर ने उस रात कोसी रेस्तरां में 47,000 रुपए का बिल चुकाया था और पुलिस उस बैंक खाते का विवरण जानना चाहती है, जिससे भुगतान किया गया था।
 
धोखाधड़ी का मामला : अभियोजक ने कहा कि पोर्श कार के पंजीकरण के लिए आरटीओ शुल्क का भुगतान न करने पर अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) को जोड़ा गया है। अग्रवाल के वकील प्रशांत पाटिल और अन्य आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील एसके जैन ने दलील दी कि पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने सभी 6 आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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