क्या कहा पुलिस कमिश्नर ने : इससे पहले दिन में, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा था कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि 19 मई को दुर्घटना के समय नाबालिग कार नहीं चला रहा था और कोई वयस्क व्यक्ति कार चला रहा था। अग्रवाल और अन्य 5 आरोपियों को उनकी पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसपी पोंक्षे के समक्ष पेश किया गया।
ये हैं आरोपी : अन्य आरोपियों में कोसी रेस्तरां के मालिक नमन भुटाड़ा और इसके प्रबंधक सचिन काटकर तथा ब्लैक क्लब के प्रबंधक संदीप संगाले और इसके कर्मचारी जयेश गावकर और नीतेश शेवानी शामिल हैं। रियल एस्टेट डेवलपर अग्रवाल को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जबकि अन्य पर एक कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
नहीं था लाइसेंस : प्राथमिकी के मुताबिक, यह जानने के बावजूद कि उनके बेटे के पास वाहन चलाने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है, अग्रवाल (50) ने उसे कार दे दी और जब अग्रवाल को पता था कि वह शराब पीता है, तब भी बेटे को पार्टी करने की इजाजत दी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि किशोर ने उस रात कोसी रेस्तरां में 47,000 रुपए का बिल चुकाया था और पुलिस उस बैंक खाते का विवरण जानना चाहती है, जिससे भुगतान किया गया था।
धोखाधड़ी का मामला : अभियोजक ने कहा कि पोर्श कार के पंजीकरण के लिए आरटीओ शुल्क का भुगतान न करने पर अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) को जोड़ा गया है। अग्रवाल के वकील प्रशांत पाटिल और अन्य आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील एसके जैन ने दलील दी कि पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने सभी 6 आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। (एजेंसी/वेबदुनिया)