दहेज उत्पीड़न मामले में राधे मां को अग्रिम जमानत

गुरुवार, 8 अक्टूबर 2015 (14:58 IST)
मुंबई। विवादों में घिरी राधे मां को दहेज उत्पीड़न के मामले में आज बंबई उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते देरे ने राधे मां को अग्रिम जमानत उनके वकीलों, मुंबई पुलिस और उस गृहिणी की दलीलें सुनने के बाद दी जिसने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था।

 
अदालत ने राधे मां से कांदीवली पुलिस को आवश्यकता होने पर पेश होने के लिए कहा। राधे मां के खिलाफ मामले की जांच कांदीवली पुलिस कर रही है। राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर को अदालत ने 14 अगस्त को उनके आग्रह पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी।
 
इस मामले में राधे मां की गिरफ्तारी की आशंका थी। सत्र अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका 13 अगस्त को ठुकरा दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रूख किया था।
 
मुंबई पुलिस ने 32 वर्षीय गृहिणी का दहेज के लिए उत्पीड़न करने के वास्ते उसके ससुराल वालों को उकसाने के आरोप में पांच अगस्त को राधे मां के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था।
 
यह मामला तब दर्ज किया गया था जब गृहिणी की शिकायत पर बोरीवली के एक मजिस्ट्रेट ने राधे मां के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के आरोपों की आपराधिक दंड संहिता की धारा 156 (3) के तहत पुलिस द्वारा जांच कराए जाने का आदेश दिया था।
 
गृहिणी के वकील गिरीश कुलकर्णी ने पूर्व में तर्क दिया था कि शिकायतकर्ता के ससुराल वाले राधे मां के अनुयायी थे। पूरे परिवार पर राधे मां का नियंत्रण था जिनके कहने पर गृहिणी के ससुराल वालों ने उससे कथित दहेज लिया था। राधे मां के वकील आबाद पोंडा ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि दहेज मामले में राधे मां को छोड़कर निचली अदालत ने शिकायतकर्ता गृहिणी के पति सहित सभी छह आरोपियों को सुरक्षा दी है।
 
उन्होंने यह भी कहा कि राधे मां के खिलाफ गृहिणी के परिवार वालों को दहेज के लिए उकसाने के आरोप बाद में लगाए गए हैं क्योंकि दो साल पहले परिवार अदालत में जब मामला दाखिल किया गया था, तब ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया गया था।
 
याचिका में राधे मां ने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों से इंकार करते हुए कहा था कि उन्होंने गृहिणी के परिवार वालों को कभी नहीं उकसाया और उन्हें इस मामले में इसलिए खींचा जा रहा है, क्योंकि शिकायतकर्ता के ससुराल वाले उनके अनुयायी हैं।
 
राधे मां ने यह भी आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता ने परिवार अदालत में अपने पक्ष में फैसला लेने के लिए ही उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता के ससुराल वालों ने शिकायतकर्ता के खिलाफ परिवार अदालत में मामला दर्ज कराया था। राधे मां ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता उन्हें फंसा रही है। (भाषा)

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