नई दिल्ली। केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया। भाजपा ने इस फैसले का कानून सम्मत बताते हुए इसका स्वागत किया है।
कानून मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि अब कांग्रेस पार्टी एक ओबीसी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए भाजपा को दोषी ठहराएगी, और वे न्यायपालिका की भी आलोचना करेंगे। क्या हमने राहुल गांधी को अत्यधिक अपमानजनक और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी करने की सलाह नहीं दी थी।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करता है और इस प्रकार कानून की नजर में सभी समान हैं। इसलिए सभी सांसदों को भी संसद में बोलने का समान अधिकार है। समस्या तब पैदा होती है जब किसी को खास और बाकी सभी को साधारण समझा जाता है।
भाजपा नेता और विधि एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने फैसले को न्यायसंगत करार देते हुए कहा कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश से भाजपा के एक विधायक को भी आपराधिक मामले में दोषी करार दिये जाने पर अयोग्य ठहराया गया था।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। इसमें कहा गया है कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है।
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।(भाषा)