मणिपुर, हाथरस के बाद वायनाड पहुंचे राहुल गांधी, किया 100 घर बनाने का वादा
लंबे समय से जल रहा मणिपुर, क्यों नहीं जाते जिम्मेदार
सोशल मीडिया में हुई राहुल की तारीफ, जिम्मेदारों की आलोचना
कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने साधा सरकार पर निशाना
Rahul Gandhi in wayanad: मणिपुर हो या हाथरस। लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना हो या वायनाड में प्राकृतिक आपदा। कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस सारी जगहों का दौरा करते हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने वायनाड का दौरा किया और वहां बेघर हुए लोगों के लिए 100 से ज्यादा घर बनाने का वादा किया।
तबाही का नजारा!
यह बंदा ऐसे ही मणिपुर भी गया था।
हाथरस भी।
किसानों को कुचलने पर लखीमपुर खीरी भी।
सोशल मीडिया में राहुल गांधी की जमकर तारीफ हो रही है। कहा जा रहा है कि मणिपुर हो या हाथरस। लखीमपुर खीरी या वायनाड। राहुल गांधी हर जगह पीड़ितों या प्रभावित लोगों से मिलने जाते हैं। सोशल मीडिया में सवाल उठ रहे हैं कि विपक्ष के नेता होते हुए भी राहुल गांधी जाते हैं लेकिन सत्ता पक्ष में बैठे जिम्मेदार नेता इन प्रभावित इलाकों में क्यों नहीं जाते। सवाल उठ रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आज तक हिंसा से ग्रस्त मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया। जबकि राहुल गांधी वहां भी पहुंचे थे। बता दें कि कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने भी मणिपुर को लेकर हाल ही में सरकार पर निशाना साधा था।
राहुल ने शिविरों- अस्पतालों का किया दौरा : कांग्रेस नेता राहुल गांधी आपदा प्रभावित केरल राज्य के वायनाड जिले के इलाकों का दौरा किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुंडक्कई, चुराल माला और पुंचिरी मट्टम में किए जा रहे बचाव कार्यों का आकलन किया। पिछले दिन राहुल ने अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ राहत शिविरों और अस्पतालों का दौरा किया था।
प्रियंका भी थीं साथ : कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरे दिन आपदा प्रभावित केरल राज्य के वायनाड जिले के इलाकों का दौरा किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुंडक्कई, चुराल माला और पुंचिरी मट्टम में किए जा रहे बचाव कार्यों का आकलन किया। पिछले दिन राहुल ने अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ राहत शिविरों और अस्पतालों का दौरा किया था।
100 घर बनाने का भी वादा : चुराल माला से मुंडक्कई जाते समय वेल्लारमाला स्कूल के पास स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राहुल कार से बाहर निकले और उनके दर्द और शिकायतों को सुने। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राहुल कार से बाहर नहीं निकले तो उनकी यात्रा का कोई मतलब नहीं है। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि वह राजनीति करने नहीं बल्कि सीधे तौर पर बचाव कार्यों का आकलन करने आए हैं।
कलपट्टा विधायक टी. सिद्दीकी ने भी प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए बीच में आ गए। बाद में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद राहुल गांधी ने बचाव कार्यों का आकलन करने के लिए जिला अधिकारियों के साथ बैठक की। अपनी यात्रा के दौरान राहुल ने वायनाड के उन लोगों के लिए 100 घर बनाने का भी वादा किया।
पीएम को बच्चों- महिलाओं की चीखें क्यों नहीं सुनाई देती: मणिपुर बाह्य से कांग्रेस के सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने हाल ही में पीएम मोदी पर मणिपुर को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि आखिरकार प्रधानमंत्री को महिलाओं और बच्चों की चीखें क्यों नहीं सुनाई देती हैं, जो अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं। आर्थर ने कहा कि पिछले 15 महीने से मणिपुर अशांत है और चर्चा में बना हुआ है, लेकिन करीब हर सप्ताह पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करने वाले केंद्रीय मंत्रियों ने हिंसा के बाद से राज्य की यात्रा नहीं की है।
Edited by Navin Rangiyal