गौरतलब है कि सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक को पिछले दिनों संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के भारी विरोध के बीच पारित किया गया। विपक्ष और कई आरटीआई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार इस संशोधन के जरिए आरटीआई कानून को कमजोर कर रही है। दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि वह पारदर्शिता, जनभागीदारी और सरलीकरण के लिए प्रतिबद्ध है तथा यह संशोधन भी इसी क्रम में लाया गया है।