यह प्रणाली उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद मंडल और उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में परीक्षण के लिए लगायी गयी है। इस प्रणाली में एक ट्रांसमीटर होता है जो पटरी के एक छोर पर लगाया जाता है। दूसरे छोर पर एक रिसीवर होता है। ट्रांसमीटर एक तरंग छोड़ता है और अगर रिसीवर को वो तरंग नहीं मिलती है तो पता चल जाता है कि कहीं बीच में कोई समस्या है।
उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात जिले में पुखरायाँ के समीप 19321 इंदौर-राजेन्द्रनगर पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद आज पूर्ण रेलवे बोर्ड की बैठक हुई। संरक्षा उपायों पर केंद्रित इस बैठक में भी इस तकनीक के बारे में चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड संरक्षा के लिए बनी डॉ. अनिल काकोडकर समिति की 142 सिफारिशों में से 85 सिफारिशें स्वीकार कर चुका है। (वार्ता)