Caste census case : कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जाति जनगणना को लेकर 'यू टर्न' लेने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने इस विषय पर अपनी नीति आधिकारिक तौर पर बदल दी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि क्या जाति जनगणना के लिए कोई समयसीमा तय की गई है? केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला किया कि अगली जनगणना में जातियों की गणना भी की जाएगी। क्या वह लोगों और संसद को सरकार की नीति में बदलाव के कारण बताएंगे?
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, जाति जनगणना पर नरेन्द्र मोदी जी के अचानक, पूर्ण और हताशा भरे यू-टर्न को लेकर पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल, 28 अप्रैल को एक टीवी साक्षात्कार में उन्होंने जाति जनगणना की मांग करने वाले सभी लोगों को अर्बन नक्सल करार दिया था। 20 जुलाई, 2021 को मोदी सरकार ने संसद को बताया कि उसने नीतिगत तौर पर जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति-वार जनसंख्या की गणना नहीं करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने दावा किया कि वास्तव में मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से उच्चतम न्यायालय से ओबीसी के लिए जाति जनगणना का आदेश नहीं देने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, क्या उनमें यह स्वीकार करने की ईमानदारी होगी कि उनकी सरकार ने पिछले 11 साल में जाति जनगणना पर अपनी नीति आधिकारिक तौर पर बदल दी है?