रेलवे को 28 हज़ार पीओएस मशीनों की जरूरत

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016 (22:03 IST)
नई दिल्ली। नकदी रहित अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश को लागू करने में रेलवे को पसीना आ रहा है। देशभर में करीब 14 हजार आरक्षण काउंटरों और इतने ही अनारक्षित काउंटरों पर पीओएस मशीनें लगाने को लेकर रेलवे पशोपेश में है।
रेलवे बोर्ड में नकदी रहित अर्थव्यवस्था और रेलवे के आरक्षण केन्द्रों और टिकट काउंटरों को पीओएस मशीनें लगाने के बारे में यहां एक बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि पीओएस मशीनों को लगाने के बारे में सबसे बड़ी बाधा यह है कि यह विदेश निर्मित मशीन है और आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं है। दूसरा, इसकी कीमत बहुत अधिक है। एक मशीन की कीमत 10 से 12 हजार रुपए है।
 
सूत्रों ने बताया कि इस समय रेलवे के 65 आरक्षण केन्द्रों पर कुल 76 काउंटरों पर पीओएस मशीन लगी है जिनसे लोग आरक्षित टिकट खरीद करके डेबिट/क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करके भुगतान करते हैं। सभी आरक्षण काउंटरों और अनारक्षित टिकट काउंटरों को कार्ड से भुगतान स्वीकार करने लायक बनाने के लिए करीब 27-28 हज़ार मशीनें खरीदनी होंगी।
 
सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने बैंकों को अपनी जरूरत बताई है और उनसे जानना चाहा है कि वे कब तक इन मशीनों की आपूर्ति कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में तय किया गया है कि सबसे पहले सभी ए1 और ए श्रेणी के 400 से अधिक स्टेशनों पर आरक्षण केंद्रों, दूसरे चरण में महानगरों के उपनगरीय स्टेशनों पर मासिक एवं त्रैमासिक सीजन टिकट खरीदने की सुविधा दिलाने के वास्ते, तीसरे चरण में सभी प्रमुख नगरों में आरक्षण केन्द्रों, टिकट काउंटर एवं पार्सल केन्द्रों तथा चौथे चरण में देश के सभी काउंटरों पर मशीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि पार्सल एवं माल बुकिंग केन्द्रों पर भी पीओएस मशीनों और नकदी रहित लेनदेन की व्यवस्था को सुलभ कराने का प्रयास किया जाएगा जहां से रेलवे को बड़ी आय होती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा रेलवे में नकदी रहित लेन-देन को प्रोत्साहन देने के लिए कल की गई घोषणाओं 
को लेकर भी रेलवे अधिकारी पशोपेश में हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक रेलवे को वित्त मंत्रालय से इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। (वार्ता)

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