उपलब्ध रिपोर्ट (हटाई नहीं गई) के पृष्ठ की सबसे पहली पंक्ति में कहा गया है, प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 1989 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले कम से कम एक बार हमला होगा, जिसके सफल होने की आशंका है। उसने बाद में स्पष्ट रूप से कहा, निकट भविष्य में उनकी हत्या होने का बड़ा खतरा है। इसके पांच साल बाद गांधी की 21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी गई थी। (भाषा)