यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार हुर्रियत से बात करना चाहती है? उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि मैं सिर्फ यह कहूंगा कि हम 'जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत' के दायरे में बात करने के इच्छुक हैं। गृहमंत्री ने कहा कि बच्चे और युवा जिन्हें कलम और लैपटॉप हाथ में लेना चाहिए था, उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव करने के लिए पत्थर उठा लिए।