राज्यसभा में प्रश्नकाल अब 12 बजे से

शुक्रवार, 14 नवंबर 2014 (14:51 IST)
नई दिल्ली। कुछ दलों की आपत्तियों के बावजूद राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सदन में प्रश्नकाल का समय सुबह 11 से बदलकर दोपहर 12 बजे करने का फैसला किया है जिससे कि इसे व्यवधानमुक्त माहौल में चलाया जा सके।
 
संसदीय कार्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि 24 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 से 12 बजे के स्थान पर अब दोपहर 12  से 1 बजे तक होगा।
 
इस बदलाव के चलते अब सदन की कार्यवाही की शुरुआत 11 बजे प्रश्नकाल की बजाय शून्यकाल से होगी, जो 12 बजे तक चलेगा। शून्यकाल के तहत सदस्य लोक महत्व के मुद्दे उठाते हैं।
 
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होती है और अक्सर सदस्यों द्वारा सदन शुरू होते ही मुद्दे उठाए जाने के कारण प्रश्नकाल बाधित होता है। सामान्यतौर पर प्रश्नकाल के दौरान सूचीबद्ध प्रश्नों से जुड़े मुद्दों को छोड़कर कोई और मुद्दा नहीं उठाया जा सकता। अन्य मुद्दे शून्यकाल में उठाए जा सकते हैं।
 
अधिकारी ने बताया कि राज्यसभा सचिवालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है और सभी मंत्रालयों को भी इस बारे में सूचित कर दिया है। सभापति हामिद अंसारी की अध्यक्षता में राज्यसभा की सामान्य प्रयोजन समिति ने 11 अगस्त को प्रश्नकाल और शून्यकाल के समय में परिवर्तन करने का निर्णय किया था।
 
यह निर्णय किया गया था कि नए नियम शीतकालीन सत्र से लागू होंगे। हालांकि ठीक दूसरे ही दिन सदन में इस निर्णय को लेकर आपत्ति के स्वर सामने आए, जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस पर पुनर्विचार की मांग की।
 
सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा था कि किसी नियम के तहत शून्यकाल 11 बजे से नहीं हो सकता और यह ‘अवैध’ होगा। उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश संसदीय व्यवस्था से अपनाई गई प्रथा के तहत शून्यकाल दोपहर में होगा।
 
सपा के रामगोपाल यादव और कांग्रेस के सुब्बारामी रेड्डी ने इस मुद्दे पर उनका समर्थन किया था। कुछ साल पहले भी राज्यसभा में प्रश्नकाल का समय बदलकर 2 से 3 बजे तक किया गया था लेकिन कुछ ही दिनों के बाद इसे फिर से पुराने समय पर ले आया गया था। (भाषा) 
 

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