अपीलकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील राजीव धवन और कपिल सिब्बल ने न्यायालय से अनुरोध किया कि इस मामले को संविधान पीठ के सुपुर्द किया जाए। मामले के एक पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील सिब्बल ने देश में मौजूदा माहौल अनुकूल न होने का दावा करते हुए मामले की अगली सुनवाई 2019 के आम चुनाव के बाद जुलाई में करने की अपील की।
शीर्ष न्यायालय इस मामले में इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विभिन्न पक्षों द्वारा दायर अपीलों की सुनवाई कर रहा है। इलाहबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अयोध्या में विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांटते हुए इनका मालिकाना हक सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान तथा निर्मोही अखाड़े को दिया था। (वार्ता)