श्री रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने भी मौर्य के बयान का विरोध करते हुए कहा कि जिस रामचरित मानस को पढ़कर लोग ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिससे भक्ति प्राप्त करते हैं, जिस मानस को पढ़ने से भगवान श्रीराम के चरित्र का ज्ञान होता है, ऐसे ग्रंथ पर ये मूर्ख नेतागिरी कर रहे हैं। यह एक पवित्र धर्मग्रंथ है। यदि इसके बारे में किसी को सही जानकारी नहीं है तो इस प्रकार से नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक-दो दोहा-चौपाई पढ़कर यह कहना कि ये दलितों का विरोध है, सही नहीं है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है। भगवान राम ने तो कोल, भील, वानर-भालू सबको गले लगाया था।