हिसार। बरवाला के सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल सहित 14 दोषियों को विशेष अदालत ने हत्या के दूसरे मामले में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक दोषी पर 2 लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। कभी जूनियर इंजीनियर रहा रामपाल अब कैदी नंबर 1005 बनकर सजा काटेगा। उसे जेल में लघु उद्योग या बागवानी का भी काम मिल सकता है, इसके बदले उसे मेहनताना भी मिलेगा। रामपाल कभी साढ़े 12 एकड़ में बने सतलोक आश्रम में ऐशो-आराम से रहता था।
अदालत ने मंगलवार की तरह ही एफआईआर नंबर 430 मामले में भी दोषियों को सजा सुनाई। अदालत ने भादसं की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपए का जुर्माना किया है। भादसं की धारा 120बी में आजीवन कारावास व एक-एक लाख रुपए जुर्माना और धारा 343 के तहत दो साल की कैद और पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। सभी सजाएं साथ चलेंगी।