'सीता मैया का चीरहरण...', Congress प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की फिसली जुबान, BJP ने कहा- हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों?

गुरुवार, 9 जून 2022 (20:02 IST)
जयपुर। भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पर निशाना साधते हुए उन पर उदयपुर में एक टिप्पणी के जरिए देवी सीता का अपमान करने का आरोप लगाया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सुरजेवाला का एक वीडियो शेयर किया।

इसमें सुरजेवाला ने चीरहरण के संदर्भ में द्रोपदी की जगह देवी सीता का जिक्र किया है। राज्यवर्धन सिंह ने पूछा, ‘‘कांग्रेस को हिंदुओं से इतनी घृणा क्यों है?’’सुरजेवाला ने उदयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बहुमत जीतेगा, प्रजातंत्र जीतेगा, संविधान जीतेगा, कानून जीतेगा, नैतिकता जीतेगी और झूठ का आवरण पहने जो लोग.. जैसे एक समय में सीता मैया का चीरहरण हुआ था.. वह प्रजातंत्र का चीरहरण करना चाहते हैं.. वो लोग हारेंगे.. बेनकाब होंगे। सुरजेवाला ने द्रोपदी का चीरहरण करने के बजाय भगवान राम की पत्नी सीता का नाम ले लिया। 
 
कांग्रेस को इतनी घृणा क्यों : जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के सांसद ने ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस को हिंदुओं से इतनी घृणा क्यों है? मंदिर-मंदिर घूमकर चुनावी पर्यटन करने वाले राहुल गांधी वैसे भी हिंदुत्व जैसे पवित्र शब्द से चिढ़ते हैं। उनकी पार्टी भगवान राम का अपमान करती रहती है।
आज फिर कांग्रेस ने माता सीता पर अभद्र टिप्पणी कर हिन्दुओं की आस्था को चोटिल किया है। राजस्थान में 10 जून को चार सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए सुरजेवाला कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों में से एक है। वह पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जीत का भरोसा जता रहे थे और साथ ही साथ भाजपा पर निशाना साध रहे थे, उसी दौरान उनकी जुबान फिसल गई।
 
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि ‘जो लोग धनबल, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग के दम पर राजस्थान में आए हैं उनकी हार होगी।’राज्यसभा की चार सीटों पर शुक्रवार को चुनाव होगा।

कांग्रेस ने तीन उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है। मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) का समर्थन प्राप्त है।

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