भारतीय सेना में कितने प्रकार के होते हैं रैंक, समझिए विस्तार से

WD Feature Desk

बुधवार, 14 मई 2025 (15:42 IST)
ranks of indian army : भारतीय सेना, देश की सीमाओं की रक्षा करने वाली एक शक्तिशाली और गौरवशाली संस्था है। इस विशाल संगठन में कार्य करने वाले हर सैनिक का अपना एक विशिष्ट पद या रैंक होता है, जो उसकी जिम्मेदारी, अनुभव और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सेना में कितने प्रकार के रैंक होते हैं और उनका क्या महत्व है? आइए, आज हम इसी विषय पर विस्तार से आपको जानकारी देते हैं।

भारतीय सेना में मुख्य रूप से सैनिकों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
1. गैर-कमीशन प्राप्त अधिकारी (Non-Commissioned Officers - NCOs)
2. कनिष्ठ कमीशन प्राप्त अधिकारी (Junior Commissioned Officers - JCOs)
3. कमीशन प्राप्त अधिकारी (Commissioned Officers)

प्रत्येक श्रेणी में विभिन्न रैंक होते हैं, जो सैनिकों के कर्तव्यों और अधिकारों को परिभाषित करते हैं।

1. गैर-कमीशन प्राप्त अधिकारी (Non-Commissioned Officers - NCOs):
ये सैनिक सीधे भर्ती होते हैं या सिपाही के पद से अपनी सेवा शुरू करते हैं और अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर पदोन्नत होते हैं। ये अधिकारी अपने से निचले रैंक के सैनिकों का नेतृत्व करते हैं और उन्हें प्रशिक्षित करते हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित रैंक शामिल हैं:

• सिपाही (Sepoy):  यह सेना में सबसे शुरुआती रैंक है। एक सिपाही बुनियादी सैन्य कर्तव्यों का पालन करता है और अपने वरिष्ठों के आदेशों का पालन करता है।
• लांस नायक (Lance Naik):  यह सिपाही से एक कदम ऊपर का रैंक है। लांस नायक छोटे समूहों का नेतृत्व करने में सहायक होता है।
• नायक (Naik):  नायक एक छोटे दस्ते का प्रभारी होता है और अपने दस्ते के सैनिकों के कल्याण और प्रशिक्षण के लिए जिम्मेदार होता है।
• हवलदार (Havildar): हवलदार एक सेक्शन का नेतृत्व करता है। वह अपने सैनिकों के अनुशासन और प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होता है।
• कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार (Company Quartermaster Havildar - CQMH): यह हवलदार अपनी कंपनी की रसद और आपूर्ति का प्रबंधन करता है।
• कंपनी हवलदार मेजर (Company Havildar Major - CHM): यह कंपनी कमांडर का दाहिना हाथ होता है और कंपनी के अनुशासन और मनोबल को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
• रेजिमेंट क्वार्टरमास्टर हवलदार मेजर (Regimental Quartermaster Havildar Major - RQMH): यह बटालियन या रेजिमेंट स्तर पर रसद और आपूर्ति का प्रभारी होता है।
• रेजिमेंट हवलदार मेजर (Regimental Havildar Major - RHM): यह रेजिमेंट या बटालियन का सर्वोच्च गैर-कमीशन प्राप्त अधिकारी होता है और कमांडिंग ऑफिसर का मुख्य सलाहकार होता है।
 
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2. जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी (Junior Commissioned Officers - JCOs):
ये अधिकारी अपनी उत्कृष्ट सेवा और नेतृत्व क्षमता के आधार पर गैर-कमीशन अधिकारी रैंक से पदोन्नत होते हैं। ये अधिकारी और भी बड़ी टुकड़ियों का नेतृत्व करते हैं और कमीशन प्राप्त अधिकारियों और गैर-कमीशन अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित रैंक शामिल हैं:

• नायब सूबेदार (Naib Subedar): यह जेसीओ श्रेणी का सबसे पहला रैंक है। नायब सूबेदार एक प्लाटून या एक उप-इकाई का नेतृत्व कर सकता है।
• सूबेदार (Subedar):  सूबेदार एक कंपनी या एक बड़ी टुकड़ी का नेतृत्व करता है और अपने सैनिकों के प्रशिक्षण और कल्याण के लिए जिम्मेदार होता है। सूबेदार को मानद लेफ्टिनेंट (Honorary Lieutenant) का पद भी दिया जा सकता है, जो उनकी विशिष्ट सेवा को सम्मानित करता है।
• सूबेदार मेजर (Subedar Major): यह जेसीओ श्रेणी का सर्वोच्च रैंक है। सूबेदार मेजर बटालियन या रेजिमेंट कमांडर का मुख्य सलाहकार होता है और सैनिकों के मनोबल और अनुशासन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूबेदार मेजर को मानद कप्तान (Honorary Captain) का पद भी दिया जा सकता है।

3. कमीशन प्राप्त अधिकारी (Commissioned Officers):

ये अधिकारी भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) या अन्य प्रशिक्षण संस्थानों से कठोर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सेना में शामिल होते हैं। वे बड़ी सैन्य इकाइयों का नेतृत्व करते हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित रैंक शामिल हैं (सबसे निचले से उच्चतम):
• सेकेंड लेफ्टिनेंट (Second Lieutenant)
• लेफ्टिनेंट (Lieutenant)
• कैप्टन (Captain)
• मेजर (Major)
• लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel)
• कर्नल (Colonel)
• ब्रिगेडियर (Brigadier)
• मेजर जनरल (Major General)
• लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General)

• चीफ डिफेंस स्टाफ : CDS एक ‘फोर स्टार जनरल/ऑफिसर’ है जो सभी तीनों सेवाओं (थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना) के मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करता है। उसका मुख्य कार्य भारतीय सेना की त्रि-सेवाओं के बीच अधिक-से-अधिक परिचालन तालमेल को बढ़ावा देना और अंतर-सेवा विरोधाभास को कम-से-कम रखना है। CDS की भूमिका केवल त्रि-सेवा सहयोग ही नहीं है, बल्कि रक्षा मंत्रालय, नौकरशाही और सशस्त्र सेवाओं के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना है। भारत के वर्तमान सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान हैं, जिन्होंने 30 सितंबर, 2022 को पदभार ग्रहण किया। जनरल बिपिनसिंह रावत भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे।

• जनरल (General): यह भारतीय सेना का सर्वोच्च रैंक है, जो थल सेनाध्यक्ष (Chief of the Army Staff - COAS) के पास होता है। यदि प्रतीक चिह्न की बात करें, तो इनके कंधे पर क्रॉस्ड बैटन और तलवार, अशोक स्तंभ और एक सितारा होता है। इस पड़ पर नियुक्ति तीन साल के लिए होती है।

• फील्ड मार्शल (Field Marshal): यह पद भारतीय सेना की सबसे बड़ा रैंक है। यह एक औपचारिक रैंक है जिसे सम्मान के रूप में दिया जाता है। यह रैंक उस अधिकारी को सम्मानित करने के लिए प्रदान की जाती है, जिन्होंने सेना में अहम योगदान देकर और किसी महत्वपूर्ण मिशन को सफल बनाया हो। अब तक भारत में यह दो लोगों को मिला है, जो कि सैम मानेकशॉ और के।एम करिअप्पा हैं। हालांकि, हाल के समय में सेना में इस रैंक को खत्म कर दिया गया है।

भारतीय सेना में प्रत्येक रैंक का अपना महत्व और जिम्मेदारी होती है। यह एक सुव्यवस्थित hierarchy है जो प्रभावी कमान और नियंत्रण सुनिश्चित करती है, जिससे देश की सुरक्षा अक्षुण्ण बनी रहती है। यह जानकारी उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो भारतीय सेना की संरचना और रैंकों के बारे में जानने में रुचि रखते हैं।

 

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