स्थिरता बनाए रखने के लिए फिर संभाला चेयरमैन पद : रतन टाटा

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016 (11:35 IST)
मुंबई। साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद अंतरिम चेयरमैन का कार्यभार संभालते हुए रतन टाटा ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखा है कि समूह की स्थिरता और उसमें वापस यकीन बढ़ाने के लिए वह अंतरिम चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हुए हैं।
 
पत्र में 78 वर्षीय टाटा ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने मिस्त्री को तत्काल प्रभाव से चेयरमैन पद से हटा दिया है।
 
उन्होंने कहा, एक नई  प्रबंधकीय व्यवस्था की गई है और टाटा संस के नए चेयरमैन की पहचान करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। ये चयन समिति अगले चार महीनों में नए चेयरमैन की तलाश करेगी। वर्ष 2012 में 29 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद समूह के मानद चेयरमैन टाटा ने कहा, समिति को इस काम के लिए चार महीने का समय दिया गया है। 
 
इस दौरान निदेशक मंडल ने मुझसे कंपनी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है और मैं टाटा समूह की स्थिरता एवं उसमें उसके प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार हूं। टाटा इससे पहले 1991 से 2012 तक कंपनी के 21 साल तक चेयरमैन रहे हैं। मैंने धन्यवाद दिया।
 
मिस्त्री को नवंबर 2011 में टाटा समूह का डिप्टी चेयरमैन नियुक्त किया था और दिसंबर 2012 मेंवे समूह के मुखिया बन गए। मिस्त्री को क्यों हटाया गया, इसके अभी आधिकारिक कारण सामने नहीं आए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वे टाटा समूह की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। ग्रुप को उम्मीदों के अनुरूप ग्रोथ नहीं मिल पाई। संभवत: यही सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है साइरस को 'टाटा' कहने का।  
 
मिस्त्री को 1991 के बाद शापूरजी पलोनजी ग्रुप को नई ऊंचाई पर ले जाने का श्रेय जाता है। लगभग 23000 कर्मचारियों वाले इस समूह का परिचालन भारत के साथ-साथ अफ्रीका व पश्चिम एशिया में है। उन्होंने इस फैसले को अदालत में चुनौती देने का भी फैसला किया है।  
 

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