प्रवक्ता ने कहा कि हमें पाकिस्तान के इस उत्तर से कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। 2008 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट हमले के बाद इसी प्रकार की इबारत में उसने जवाब दिया था जबकि यह जगजाहिर है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किए गए जैश-ए-मोहम्मद एवं उसके सरगना मसूद अजहर का ठिकाना पाकिस्तान में स्थित है और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने इसे स्वीकार भी किया है। अगर पाकिस्तान में संजीदगी एवं इरादा हो तो कार्रवाई करने लायक पर्याप्त सूचनाओं एवं सबूतों की कोई कमी नहीं है।
कुमार ने कहा कि फिर भी भारत, पाकिस्तान द्वारा सौंपे गए कागजात का अध्ययन कर रहा है। पाकिस्तान को 2004 में दिए गए वचन का पालन करना चाहिए जिसे वर्तमान नेतृत्व ने दोहराया है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाली धरती का भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार के आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा। उसे आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध तुरंत विश्वसनीय, ठोस एवं इस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए जिसे साबित किया जा सके।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम को इस्लामाबाद में एक विज्ञप्ति जारी करके कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने पुलवामा हमले पर भारत की रिपोर्ट के आधार पर जांच करने के बाद आरंभिक निष्कर्षों को भारत सरकार के साथ साझा किया है। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को पुलवामा के बारे में निष्कर्षों की रिपोर्ट सौंप दी है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में यह भी कहा था कि वह इस सिलसिले में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और भारत के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। बयान में कहा गया कि हम क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे हैं। जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हमने भारत से और सूचना तथा सबूत मुहैया कराने की मांग की है। (भाषा)