बीबीसी हिन्दी ने पॉडकास्ट सीरीज 'कहानी जिंदगी की' का दूसरा सीजन शुरू किया है। ये पॉडकास्ट रवि प्रकाश की जिंदगी की सच्ची कहानी है। इसमें वो बताते हैं कि कैसे अंतिम स्टेज का कैंसर उनके जीवन में एक सदमे के रूप में आया और कैसे वो कई मोर्चों पर इससे लड़ रहे हैं।
इस पॉडकास्ट में बीबीसी की सुमिरन प्रीत कौर ने रवि प्रकाश से उनकी आशाओं और आशंकाओं की खुलकर बातचीत की है। ये बातचीत बेहद आत्मीय है और दिल को छू लेने वाली है। यहां ये बताना जरूरी है कि सुमिरन खुद भी कैंसर से लड़ रही हैं।
पॉडकास्ट में बात सिर्फ रवि प्रकाश के सदमे की ही बात नहीं है, बल्कि उनकी जीने की ललक, जिंदगी के बचे हुए समय को भरपूर जीने का उत्साह और कैंसर के इलाज का भारी-भरकम खर्च- इन सब मुद्दों को आप गहराई से समझ पाएंगे।
हर एपिसोड में रवि प्रकाश एक-एक करके उन सब मुद्दों पर चर्चा करते हैं, जो कैंसर से जूझ रहे इंसान की जिंदगी पर असर डालता है। रवि प्रकाश को जनवरी 2021 में पता चला कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर है और उनके पास जीने के लिए सिर्फ 18 महीने का वक्त है।
जिंदगी में कभी सिगरेट न पीने वाले रवि को फेफड़े का कैंसर हुआ लेकिन उन्होंने 18 महीने की मियाद को आगे धकेलने के लिए लड़ाई लड़नी शुरू की।
रवि कहते हैं, 'एक पिता के रूप में मैंने अपनी जिम्मेदारियां अभी पूरी नहीं की हैं। मैं कम-से-कम अगले साल जून-जुलाई तक और जीना चाहता हूं, जब मेरा बेटा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होगा। मैं उसे एक मुकाम पर देखता चाहता हूं।
बातचीत में रवि प्रकाश अपने आनंद और उत्सव के दिनों के बारे में बताते हैं, कभी टूटते हैं, फिर संभलते हैं और फिर से जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश करते हैं।
वो लगातार चल रही अपनी कीमोथैरेपी के बारे में बताते हैं। वो जब परिवार के साथ छुट्टी मनाने जाते हैं और अपना जन्मदिन मनाते हैं तो उस बारे में बताते हैं।
बीबीसी इंडिया की हेड रूपा झा कहती हैं, 'नया सीजन लोगों को एक ऐसे सफर पर ले जाएगा, जो इंसान की जीने की ललक में विश्वास पैदा करता है। सुमिरन के साथ रवि प्रकाश की जिंदगी के लम्हों को साझा करते हुए हम कैंसर पर बातचीत को सहज बनाना चाहते हैं। ये एक ऐसी सीरीज है, जो हम में से कई लोगों के लिए जिंदगी की क़िताब साबित होगी।
बीबीसी हिन्दी की 'कहानी जिंदगी की' में कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीक की पड़ताल की गई है जिसके लिए मरीजों को भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है। अक्सर इन खर्चों को जुटाना परिवार और दोस्तों के बिना मुश्किल हो जाता है।
इस वजह से कई बार परिवार या संबंधियों को फंड जुटाने की आवश्यकता होती है। 13 जनवरी को इस पॉडकास्ट सीरीज को लॉन्च किया गया है और हर शुक्रवार को हम इसका नया एपिसोड लाएंगे।
ये बीबीसी हिन्दी की वेबसाइट, बीबीसी हिन्दी के फेसबुक पेज और सभी प्रमुख पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म, जैसे Gaana, Jiosaavn, Spotify and Apple पर उपलब्ध होगा।