स्वामीनाथन ने यहां मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद कहा कि हम उधार देने वाली संस्थाओं से अतिरिक्त जोखिम भारांक के जरिए ऐसे उपभोग-आधारित खंड या असुरक्षित कर्जों में कटौती की अपेक्षा करते हैं जिनका कोई परिभाषित अंतिम उपयोग नहीं है। इस मौके पर डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि असुरक्षित ऋण के लिए जोखिम भार बढ़ाने का कदम कुछ क्षेत्रों में वृद्धि को रोकने या ऋण वृद्धि को मध्यम करने के लिए एक विवेकपूर्ण कदम है।(भाषा)