6 राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार, आखिर क्यों बरस रहा है इतना पानी?

मंगलवार, 23 अगस्त 2022 (17:33 IST)
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश और राजस्थान समेत देश के 6 राज्यों में पिछले कई घंटों से भारी बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश के तमाम हिस्सों में तेज बरसात के चलते हुई लैंडस्लाइड की घटनाओं कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उड़ीसा और उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। उत्तरप्रदेश में गंगा नदी में आए उफान के चलते वाराणसी और प्रयागराज में तटीय इलाकों में पानी भर गया है। इस वजह से लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से कई स्थानों पर नदियां उफान पर है, सड़कों पर पानी भरा हुआ है। इस वजह से सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

राजस्थान में 200 डैम ओवरफ्लो हो गए तो मध्यप्रदेश में भी 19 बांधों के करीब 170 गेट खोले जा चुके हैं। बड़ी संख्या में गेट खुलने से कई गांवों में बाढ़ से हालात नजर आ रहे हैं। चारों और पानी ही पानी नजर आ रहा है। ओडिशा में 100 से ज्यादा गांवों के सैकड़ों लोग फंस गए हैं।

कोटा में बिगड़े हालात : लगातार बारिश और नदियों में जलस्तर बढ़ने से राजस्‍थान के कोटा संभाग में हालात बिगड़ गए हैं। कई जगह जलभराव के बाद लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। संभाग के चार जिलों - कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं, जबकि बारां जिले में बचाव अभियान में मदद के लिए भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया है।

क्यों हो रही है भारी बारिश : मौसम एजेंसी स्कायमेट के अनुसार, पिछले 6 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश पर बना हुआ डिप्रेशन 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिमी दिशा में बढ़ गया है। 22 अगस्त को 5:30 बजे यह मध्य प्रदेश के मध्य भागों और उससे सटे दक्षिण उत्तर प्रदेश में अक्षांश 24.2 डिग्री उत्तर और देशांतर 78.8 के पास था। यह सागर से लगभग 60 किमी उत्तर में, दमोह से 70 किमी पश्चिम उत्तर-पश्चिम में और झांसी से 115 किमी दक्षिण-पूर्व में था।

यह उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और आज शाम तक कमजोर होकर एक गहरे कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल जाएगा।

मॉनसून की ट्रफ रेखा अब अमृतसर, करनाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश के मध्य भागों बने हुए डिप्रेशन के केंद्र से गुजरते हुए, सीधी, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, खड़गपुर, दीघा और फिर पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रही है।

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