उसने कहा है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोग आरबीआई के नाम का उपयोग करके आम जनता के साथ धोखाधड़ी करते हैं। ये तत्व आरबीआई के नकली लेटर हेड का उपयोग करते हुए आरबीआई के कर्मचारी होने के नाम पर ई-मेल भेजते हैं और लोगों को विदेशों से जाली प्रस्तावों/ लॉटरी जीतने/ विदेशी मुद्रा में सस्ते धन के प्रेषण का प्रलोभन देते हैं और उनसे मुद्रा प्रोसेसिंग शुल्क, विदेशी मुद्रा रूपांतरण शुल्क, पूर्व-भुगतान इत्यादि के रूप में धन की वसूली करते हैं।
रिजर्व बैंक अपने 'जन-जागरूकता अभियान' के रूप में जनता को एसएमएस भेजने, आउटडोर विज्ञापन और टेलीकास्टिंग जागरूकता फिल्मों जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से फर्जी ई-मेलों पर जागरूकता फैला रहा है। उसने कहा कि रिजर्व बैंक किसी भी व्यक्ति का खाता नहीं रखता है। उसके अधिकारियों के नाम पर धोखेबाजों से सावधान रहने के लिए कहा है।