नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बार फिर रेपो दर में वृद्धि कर दी। केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। रिजर्व बैंक के इस फैसले से ब्याज दर बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर आपकी EMI पर भी पड़ेगा। अगर आप बैंक से कोई लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो इस पर आपको पहले की अपेक्षा ज्यादा ब्याज देना होगा।
उल्लेखनीय है कि जब रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों को कर्ज ज्यादा ब्याज दर पर मिलता है। इस वजह से बैंक आम आदमी के लिए भी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर को बढ़ा देती हैं और इसका असर ईएमआई पर पड़ता है। यानी रेपो रेट बढ़ने के साथ ईएमआई भी बढ़ जाती है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नए तूफान का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया, रेपो दर अब 5.90 प्रतिशत हुई। समिति के 6 सदस्यों में से 6 ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति का सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का निर्णय लिया है।