'मफलरमैन' रिटर्न, केजरीवाल बने सुपरहीरो...

शुक्रवार, 21 नवंबर 2014 (12:01 IST)
जब भी मफलर और टोपी की बात चलती है तो जेहन में एक ही चेहरा आता है। दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के ‘मफलर’ और ‘खांसी’ को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लोगों की सहानुभूति पाने की कोशश माना गया था और इस तरकीब ने काम भी खूब किया। हालांकि इस बार अरविन्द ने न तो मफलर पहना है न ही उन्हें खांसी का दौरा पड़ा है। लेकिन गुरुवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ‘मफलरमैन’ हैशटैग खूब ट्रेंड में है। इस कैंपेन के जरिए केजरीवाल को एक ‘सुपरहीरो’ के रूप में दिखाया जा रहा है। यही नहीं ट्विटर पर सैंकड़ों लोगों ने मफलरमैन रिटर्न नाम से कई पोस्टर भी चस्पा किए हैं। 
ट्विटर पर जारी एक पोस्टर में तो अरविंद केजरीवाल की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए लोगों से पूछा गया है कि आप किसको चुनेंगे, मफलरमैन को या ब्लफरमैन को। इसी तरह के कई पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस तरह के कैंपेन किए जाने से इंकार किया है। पार्टी के मुताबिक, यह काम पार्टी से जुड़े कई युवा कार्यकर्ताओं का हो सकता है, जोकि सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। 

बता दें कि इससे पहले केजरीवाल के साथ-साथ उनकी ‘खांसी’ और उनका ‘मफलर’ भी बहुत मशहूर हुआ था, जिसने उन्हें दिल्ली की गद्दी दिला दी थी, लेकिन 49 दिनों बाद जब उन्होंने इस्तीफा दिया तब लोगों ने उनकी इसी ‘खांसी’ और ‘मफलर’ का जबरदस्त मजाक उड़ाया था। अब देखना यह होगा कि क्या यह 'मफलरमैन' आम आदमी पार्टी को दिल्ली की गद्दी दिला पाता है।


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